रामलला मंदिर में झूलनोत्सव का आनंद चरम पर

कोंच। यहां लक्ष्मीबाई के गुरूद्वारे ऐतिहासिक रामलला मंदिर में श्रावण तीज से प्रारम्भ हुये झूलनोत्सव का आनंद पूरे चरम पर पहुंचने के बाद अब अवसान की ओर अग्रसर है, भादों की पड़वा को रात्रि में अंतिम प्रस्तुति के बाद झूला महोत्सव का समापन हो जायेगा और महाराज रामलला पुन: गर्भगृह में जाकर विराजेंगे। शास्त्रीय और सुगम संगीत की मिली जुली अभिव्यक्ति ने पखवाड़े भर श्रोता समुदाय को मस्ती में डुबोये रखा। बीती रात संगीतज्ञों ने अपनी मनभावन प्रस्तुतियों से भगवान रामलला को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

महंत रघुनाथदास के सानिध्य में आयोजित झूलनोत्सव कार्यक्रम में बीती रात क्लासीकल म्यूजिक पर गवैयों ने ऐसी तानें छेड़ी कि श्रोता वहां जमे बैठे रहे। न सिर्फ बुंदेलखंड बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने फन का लोहा मनवा लेने बाले ऋषिकेश सक्सेना ने राग मियां मल्हार की इतनी बजनीली प्रस्तुति दी कि श्रोता देर तक तालियों से उन्हें बधाई देते रहे। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित म्यूजिक कम्पटीशन में जिस गाने की बदौलत अपनी धमाकेदार एंट्री की थी, उस गाने 'तुझे सूरज कहूं या चंदा, तुझे दीप कहूं या तारा' का शानदार मुजाहिरा किया।

विनोद पांडे ने अपनी बुंदेली प्रस्तुति, 'जब लौं मोरी बहिन जानकी आंखन नहीं दिखानी, तब लौं मोकों ई मैड़े को पीने नइयां पानी' देकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। नरोत्तमदास स्वर्णकार ने राग भैरवी में अपनी उम्दा प्रस्तुति देते हुये गाया, 'मुरली मनाहर गोपाला'। संगीत के अच्छे जानकार अजमेरसिंह ने अपनी प्रस्तुति 'झूला डरौ है कदम की डार..' से माहौल को खुशगवार बना दिया। आयुषी खरे ने राग दुर्गा में 'राह चलत न छेड़ो कन्हैया' की भावपूर्ण प्रस्तुति देकर अपने फन का उम्दा मुजाहिरा किया। जाने माने शास्त्रीय गायक देशराज ने 'पग लगन महाराज कुंअर', कुंती तिवारी ने राग भोपाली में 'पार करो मेरी नईया भंवर से' की शानदार प्रस्तुति दी। कुं. देवयानी याज्ञिक ने गाया, 'मुझे मिल गया मन का मीत'।

आचार्य सागर वोहरे की प्रस्तुति 'अवध ललना लाल झूला झुलावे' पर वाहवाही मिली। इंद्रेश जी महाराज, कुं. पूजा दुवे, कुं. नीहारिका मिश्रा, निशा झा, दीक्षा त्रिपाठी, मंगल कुशवाहा आदि की प्रस्तुतियां काफी सशक्त रहीं। संचालन रामकृष्ण सिंह परिहार ने किया। तबले पर मथुराप्रसाद, महेश, वायलिन पर ज्वालाप्रसाद तथा हारमोनियम पर प्रमोद बब्बा संगत कर रहे थे। इस दौरान परशुराम झा, नरेन्द्र मित्र, अखिलेश बबेले, रमेशचंद्र पटैरया, पूजा मिश्रा, गजराज सिंह सेंगर, एसपी सिंह, गोपाल शर्मा आदि उपस्थित रहे। अंत में पुजारी ने रामलला महाराज की आरती उतारी और प्रसाद वितरित किया।

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