जीरा,धनिया और मिश्री तीनों को बराबर मात्रा में मलाकर पीस लें | इस चूर्ण
की २-२ चम्मच सुबह-शाम सादे पानी से लेने पर अम्लपित्त या एसिडिटी ठीक हो
जाती है |
एसिडिटी से तुरंत राहत पाने के लिये, एक चुटकी कच्चा जीरा ले कर मुंह में डाल कर खाने से फायदा मिलता है।
जीरा,सेंधा नमक,काली मिर्च,सौंठ और पीपल सबको समान मात्रा में लेकर पीस लें | इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में भोजन के बाद ताजे पानी से लेने पर अपच में लाभ होता है |
पांच ग्राम जीरे को भूनकर तथा पीसकर दही की लस्सी में मिलाकर सेवन करने से दस्तों में लाभ होता है |
15 ग्राम जीरे को 400 मिली पानी में उबाल लें | जब 100 ग्राम शेष रह जाये तब 20-40 मिली की मात्रा में प्रातः-सांय पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं |
एक चम्मच भुने हुए जीरे के बारीक़ चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन भोजन के बाद सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है |
इसमें एंटीसेप्टिक तत्व भी पाया जाता है, जो कि सीने में जमे हुए कफ को निकाल कर बाहर करता है और सर्दी-जुखाम से राहत दिलाता है। यह गरम होता है इसलिये यह कफ को बिल्कुल अच्छी तरह से सुखा देता है।
यदि आप नींद न आने की बीमारी से ग्रस्त हैं तो एक छोटा चम्मच भुना जीरा पके हुए केले के साथ मैश करके रोजाना रात के खाने के बाद खाएं.
जब भी सर्दी-जुखाम हो, तो एक ग्लास पानी में जीरा ले कर उबाल लें और इस पानी को पिएं। कई साउथ इंडियन घरों में सादा उबला पानी न पी कर 'जीरा पानी' पिया जाता है।
जीरे को बारीक़ पीस लें | इस चूर्ण का 3-3 ग्राम गर्म पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करने से पेट के दर्द तथा बदन दर्द से छुटकारा मिलता है |
जीरा आयरन का सबसे अच्छा स्त्रोत है, जिसे नियमित रूप से खाने से खून की कमी दूर होती है। साथ ही गर्भवती महिलाएं, जिन्हें इस समय खून और आयरन की जरुरत होती है, उनके लिये जीरा अमृत का काम करता है।
जीरा खाने से लीवर मजबूत होता है और उसकी शरीर से गंदगी निकालने की क्षमता में भी सुधार आता है।
ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आघा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ पीएं। डायबिटीज रोगियों को यह काफी फायदा पहुंचाता है।
कब्जियत की शिकायत होने पर जीरा, काली मिर्च, सोंठ और करी पावडर को बराबर मात्रा में लें और मिश्रण तैयार कर लें। इसमें स्वादानुसार नमक डालकर घी में मिलाएं और चावल के साथ खाएं। पेट साफ रहेगा और कब्जियत में राहत मिलेगी।
एसिडिटी से तुरंत राहत पाने के लिये, एक चुटकी कच्चा जीरा ले कर मुंह में डाल कर खाने से फायदा मिलता है।
जीरा,सेंधा नमक,काली मिर्च,सौंठ और पीपल सबको समान मात्रा में लेकर पीस लें | इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में भोजन के बाद ताजे पानी से लेने पर अपच में लाभ होता है |
पांच ग्राम जीरे को भूनकर तथा पीसकर दही की लस्सी में मिलाकर सेवन करने से दस्तों में लाभ होता है |
15 ग्राम जीरे को 400 मिली पानी में उबाल लें | जब 100 ग्राम शेष रह जाये तब 20-40 मिली की मात्रा में प्रातः-सांय पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं |
एक चम्मच भुने हुए जीरे के बारीक़ चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन भोजन के बाद सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है |
इसमें एंटीसेप्टिक तत्व भी पाया जाता है, जो कि सीने में जमे हुए कफ को निकाल कर बाहर करता है और सर्दी-जुखाम से राहत दिलाता है। यह गरम होता है इसलिये यह कफ को बिल्कुल अच्छी तरह से सुखा देता है।
यदि आप नींद न आने की बीमारी से ग्रस्त हैं तो एक छोटा चम्मच भुना जीरा पके हुए केले के साथ मैश करके रोजाना रात के खाने के बाद खाएं.
जब भी सर्दी-जुखाम हो, तो एक ग्लास पानी में जीरा ले कर उबाल लें और इस पानी को पिएं। कई साउथ इंडियन घरों में सादा उबला पानी न पी कर 'जीरा पानी' पिया जाता है।
जीरे को बारीक़ पीस लें | इस चूर्ण का 3-3 ग्राम गर्म पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करने से पेट के दर्द तथा बदन दर्द से छुटकारा मिलता है |
जीरा आयरन का सबसे अच्छा स्त्रोत है, जिसे नियमित रूप से खाने से खून की कमी दूर होती है। साथ ही गर्भवती महिलाएं, जिन्हें इस समय खून और आयरन की जरुरत होती है, उनके लिये जीरा अमृत का काम करता है।
जीरा खाने से लीवर मजबूत होता है और उसकी शरीर से गंदगी निकालने की क्षमता में भी सुधार आता है।
ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आघा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ पीएं। डायबिटीज रोगियों को यह काफी फायदा पहुंचाता है।
कब्जियत की शिकायत होने पर जीरा, काली मिर्च, सोंठ और करी पावडर को बराबर मात्रा में लें और मिश्रण तैयार कर लें। इसमें स्वादानुसार नमक डालकर घी में मिलाएं और चावल के साथ खाएं। पेट साफ रहेगा और कब्जियत में राहत मिलेगी।
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