भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी ने भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल को जूतों से पीट डाला। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सांसद-विधायक को लखनऊ तलब किया है। केंद्रीय नेतृत्व ने भी पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है।
सांसद एक सड़क की शिलान्यास शिला पर अपना नाम न होने से भड़के थे। घटना के वक्त कई विधायक, अधिकारी और पुलिस भी मौजूद थी। घटना के बाद दोनों के उत्तेजित समर्थक करीब तीन घंटे तक आमने-सामने रहे और बीच में पुलिस दोनों पक्षों को रोके रही। डीएम ने सांसद को अपने चैम्बर में बैठाकर बाहर फोर्स लगा दी। विधायक बाहर अपने समर्थकों के बीच चले गए। रात करीब पौने आठ बजे विधायक समर्थकों ने पीछे के गेट से सांसद तक पहुंचने का प्रयास किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद कलक्ट्रेट की बिजली काट दी गई। अंधेरे में करीब 8 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस सांसद को परिसर से निकाल ले गई। उधर, सांसद पर कार्रवाई और लाठीचार्ज के खिालाफ विधायक कलक्ट्रेट में समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। विधायक समर्थक सांसद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अड़े हैं। अभी किसी भी पक्ष ने पुलिस में रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई है।
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पत्थर पर नाम होने पर भड़के सांसद
शाम 4 बजे कलक्ट्रेट सभागार में प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। सांसद शरद त्रिपाठी ने मंगलवार को हुए सड़क शिलान्यास के पत्थर पर अपना नाम न होने की बात शुरू की और संबंधित इंजीनियर से पूछा कि उनका नाम पत्थर पर क्यों नहीं है। मंगलवार को मेंहदावल विस क्षेत्र में नंदौर-बांसी मार्ग का शिलान्यास विधायक राकेश सिंह बघेल ने किया था। इंजीनियर जवाब देते, उससे पहले ही विधायक राकेश सिंह बघेल बोल पड़े। उन्होंने कहा-यह मुझसे पूछो। मैं विधायक हूं। सांसद ने आपत्ति की और कहा कि मैं इंजीनियर से पूछ रहा हूं। बीच में बोलने की जरूरत नहीं है।
विधायक बोले जूता निकालूं, सांसद ने चला दिया
इसी बहस के बीच में विधायक राकेश ने पहले देख लेने की धमकी दी फिर जूता निकालने की बात भी कह दी। भड़के सांसद ने पलक झपकते ही अपना जूता निकाल लिया। जब तक कोई कुछ समझ पाता, सांसद ने एक के बाद एक सात बार विधायक को जूते से पीट डाला। विधायक ने उठ कर हाथ चलाया लेकिन तब तक पुलिस बीच में आ गई। डीएम रवीश गुप्ता और एएसपी असित श्रीवास्तव ने अन्य अधिकारियों की मदद से दोनों जनप्रतिनिधियों को अलग कराया। सांसद और विधायक के बगल में बैठे धनघटा के विधायक श्रीराम चौहान, खलीलाबाद शहर के विधायक दिग्विजय चौबे भी बीचबचाव करते रहे।
मंत्री चले गए, समर्थक आमने-सामने
मंत्री आशुतोष टंडन घटना के तुरंत बाद बैठक छोड़कर निकल गए। देर शाम तक दोनों के समर्थक आमने-सामने गुटों में खड़े थे। बीच में पुलिस दीवार बनकर खड़ी थी। इस झगड़े का वीडियो वायरल हो गया। समाचार लिखे जाने तक एसपी आकाश तोमर कई थानों की फोर्स लेकर मौके पर थे। दोनों पक्षों में तनातनी बनी है।
बात विकास को लेकर शुरू हुई। कुछ विकास योजनाएं आई हैं और जिनका मैने शुभारंभ किया है। उसे लेकर ही बातचीत हुई और वह उग्र हो गए। उन्हें हताशा है। घबराहट और बेचैनी है। अपनी हार उन्हें सामने दिख रही है, जिसके कारण उन्होंने यह किया है।
राकेश सिंह बघेल, विधायक, मेंहदावल
मेरा यह स्वभाव नहीं है, इसे सभी लोग जानते हैं। बैठक में मेरा ऐसा कोई विचार नहीं था, यह क्रिया की प्रतिक्रिया है। मैंने जो भी किया अपने बचाव में किया। इस विवाद पर मुझे खेद है।
शरद त्रिपाठी, सांसद
जो कुछ भी हुआ है, बहुत ही खेदजनक है। मैं अभी लखनऊ में हूं। पूरे मामले की जानकारी ले रहा हूं। सभी लोग संयम से काम लें, उत्तेजित न हों। दोनों अपने हैं। दोनों को साथ बैठाकर मामला सुलझा लिया जाएगा।
-रमापति राम त्रिपाठी, सांसद शरद त्रिपाठी के पिता व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
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