देश के पहले प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू की बहुचर्चित पुस्तक ‘लेटर्स फ्रॉम अ फादर टू हिज डॉटर’, जिसका हिन्दी अनुवाद प्रेमचंद ने किया था, को पढ़ने के बाद उन लोगों पर गुस्सा आता है, जो नेहरू के बारे में बकवासबाजी करते रहते हैं। यह पुस्तक पं.नेहरू द्वारा बेटी इंदिरा प्रियदर्शिनी (बाद में गांधी) को लिखे पत्रों पर आधारित है।
बेटी इंदिरा को खत
तुमने हिंदुस्तान और इंग्लैंड का कुछ हाल इतिहास में पढ़ा है। लेकिन इंग्लैंड केवल एक छोटा-सा टापू है और हिंदुस्तान, जो एक बहुत बड़ा देश है, फिर भी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा है। अगर तुम्हें इस दुनिया का कुछ हाल जानने का शौक है तो तुम्हें सब देशों का और उन सब जातियों का जो इसमें बसी हुई हैं का ध्यान रखना पड़ेगा, केवल उस एक छोटे-से देश का नहीं जिसमें तुम पैदा हुई हो।
मुझे मालूम है कि इन छोटे-छोटे खतों में बहुत थोड़ी-सी बातें ही बता सकता हूं। लेकिन मुझे आशा है कि इन थोड़ी-सी बातों को भी तुम शौक से पढ़ोगी और समझोगी कि दुनिया एक है और दूसरे लोग जो इसमें आबाद हैं हमारे भाई-बहन हैं। जब तुम बड़ी हो जाओगी तो तुम दुनिया और उसके आदमियों का हाल मोटी-मोटी किताबों में पढ़ोगी। उसमें तुम्हें जितना आनंद मिलेगा उतना किसी कहानी या उपन्यास में भी न मिला होगा।
खत जो बताते हैं कि नेहरु क्या थे
इन खतों से पं.नेहरू की रचनाधर्मिता और कल्पनाशीलता की गहराई का अंदाजा लगता है। वो कितने सादगीपूर्ण और ऊंची सोच वाले व्यक्ति थे। 14 नवम्बर को उनका जन्मदिन है। आज के समय में किसी को बिना ठीक से जाने बकवास करने के बजाय नेहरू को समझना चाहिए। नेहरू का व्यक्तित्व अपने आप में किसी ग्रंथ से कम नहीं हैं। दरअसल, जिसने भी नेहरू को ठीक से समझ लिया उसके जीने के अंदाज बदल जाएगा। खत जो बताते हैं कि नेहरु क्या थे
इन खतों से पं.नेहरू की रचनाधर्मिता और कल्पनाशीलता की गहराई का अंदाजा लगता है। वो कितने सादगीपूर्ण और ऊंची सोच वाले व्यक्ति थे। 14 नवम्बर को उनका जन्मदिन है। आज के समय में किसी को बिना ठीक से जाने बकवास करने के बजाय नेहरू को समझना चाहिए। नेहरू का व्यक्तित्व अपने आप में किसी ग्रंथ से कम नहीं हैं। दरअसल, जिसने भी नेहरू को ठीक से समझ लिया उसके जीने के अंदाज बदल जाएगा।
इंदिरा को लिखे अपने खत के सहारे नेहरू ने एक प्रसंग में बताया है कि संसार के देशों का इतिहास पढ़ने लगोगी तो तुम्हें उन बड़े-बड़े कामों का हाल मालूम होगा जो चीन और मिस्रवालों ने किये थे। उस समय यूरोप के देशों में जंगली जातियां बसती थीं। तुम्हें हिंदुस्तान के उस शानदार जमाने का हाल भी मालूम होगा जब रामायण और महाभारत लिखे गए और हिंदुस्तान बलवान और धनवान देश था।
आज हमारा मुल्क बहुत गरीब है और एक विदेशी जाति हमारे ऊपर राज्य कर रही है। हम अपने ही मुल्क में आजाद नहीं हैं और जो कुछ करना चाहें नहीं कर सकते। लेकिन यह हाल हमेशा नहीं था और अगर हम पूरी कोशिश करें तो शायद हमारा देश फिर आजाद हो जाए, जिससे हम गरीबों की दशा सुधार सकें और हिंदुस्तान में रहना उतना ही आरामदेह हो जाए, जितना कि आज यूरोप के कुछ देशों में है।
इंदिरा को लिखे अपने खत के सहारे नेहरू ने एक प्रसंग में बताया है कि संसार के देशों का इतिहास पढ़ने लगोगी तो तुम्हें उन बड़े-बड़े कामों का हाल मालूम होगा जो चीन और मिस्रवालों ने किये थे। उस समय यूरोप के देशों में जंगली जातियां बसती थीं। तुम्हें हिंदुस्तान के उस शानदार जमाने का हाल भी मालूम होगा जब रामायण और महाभारत लिखे गए और हिंदुस्तान बलवान और धनवान देश था।
आज हमारा मुल्क बहुत गरीब है और एक विदेशी जाति हमारे ऊपर राज्य कर रही है। हम अपने ही मुल्क में आजाद नहीं हैं और जो कुछ करना चाहें नहीं कर सकते। लेकिन यह हाल हमेशा नहीं था और अगर हम पूरी कोशिश करें तो शायद हमारा देश फिर आजाद हो जाए, जिससे हम गरीबों की दशा सुधार सकें और हिंदुस्तान में रहना उतना ही आरामदेह हो जाए, जितना कि आज यूरोप के कुछ देशों में है।
0 comments:
Post a Comment