ट्रेनों में इन हिजड़ो के आतंक से कौन बचेगा ?

बोकारो झारखण्ड

ट्रेनों में इन हिजड़ो के आतंक से कौन बचेगा ?

आये दिन ट्रेनों में हिजड़ो का आतंक बढ़ता जा रहा है। इनकी अभद्रता पूर्ण ब्यौहार से ट्रेन में सफर करने वाले मुशफिर आतंकित रहते हैं। अविवाहित लड़को में इन हिजड़ो का इंतना आतंक है। की इनको ट्रेन में चढ़ते देख कर ही अविवाहित लड़के आतंकित हो जाते हैं। क्यों की इन हिजड़ो का टारगेट ही ज्यादा तर अविवाहित लड़के रहते हैं। हिजड़े ये नही देखते की आस पास में उनके परिवार वाले बैठे हैं। उनके साथ उनके माँ बाप बैठे हैं। उनकी बहन उसके साथ बैठी है। इन हिजड़ो को इन सब से कोई मतलब नही। उनको उनके मन के मुताबिक पैसे चाहिये आप के पास हो अथवा ना हो । जैसे भी हो उन्हें सिर्फ पैसे चाहिये।और यदि ना दे पाये तो आप की खैर नही। वहीं सभी के सामने अपने कपड़े उतार कर भौंडा प्रदर्शन सुरु कर देंगे। ऐसे ऐसे हरकत करेंगे की आप क्या आप के परिवार क्या ट्रेन की जिस भी बोगी में आप हो सारे के सारे इन हिजड़ो के भौंडा हरकत से शरसार हो जायँगे। आप चाहे जिससे भी इनकी शिकायत करनी हो कर लो कोई फर्क पड़ने वाला नही है। क्यों की इनकी जीआरपी वालों से जबरदस्त मीलिभगत है। आप इनका कुछ भी नही बिगाड़ सकते। चाहे आप और आप के परिवार को इनके द्वारा कितना शर्मसार क्यों न किया गया हो।
अभी कुछ महीनो पहले उत्तरप्रदेश के मुगलसराय स्टेशन पर इन्ही भौंडा प्रदर्शन करने की वजह से एक हिजड़े को पिट पिट कर मार डाला गया। बावजूद इसके ट्रेनों में इनका नग्नता पूर्ण प्रदर्शन बदस्तूर जारी है। ऐसा नही की ये सिर्फ कुछ पैसों का ही डिमांड करते हैं। इनके झुण्ड जब ट्रेनों के साधरण बोगी में घूंस जाते हैं। फिर ये वो उत्पात मचाते हैं। की इनके उत्पात को देख चोर और डाकू भी शर्म करने लग जायेंगे। साधरण बोगी में सफर करने वाले गरीब मुशफिरों से छिनतई तो आम बात हैं। ये आँखों देखि बात है। ट्रेनों में सफर करने वाले सभी जानते हैं। यदि आप विरोध करेंगे तो इनके एक मात्र हथियार है। कपड़े उतारो और नग्नता पूर्ण भौंडा प्रदर्शन करो। सवाल है कीे ट्रेनों में सफर करने वाले लगभग सभी मुसाफिर इनसे परेशान हैं। पर शिकायत किस्से करे। माना ये हिजड़े हैं। समाज इनको स्वीकार नही करता पर ये लोग समाज को कितना स्वीकार करते हैं। आप हिजड़े हैं। इसका मतलब ये नही । की आप को कुछ भी करने का अधिकार है। इससे पहले की उत्तरप्रदेश की मुगलसराये जैसी घटना फिर से दुहराई जाये। और फिर कुछ हजड़ों को पिट पिट कर मार डाला जाये। रेलवे प्रशासन को इस पर जितनी जल्द हो इन हिजड़ो के खिलाफ एक्शन अवशय लेना चाहिये। वरना आगे किसी भी तरह की ऐसे हादसों के कीलय रेलवे प्रशासन खुद जिम्मेदार होगी। ऐसा इसलिये मै लीखने पर मजबूर होगया की इस तरह की घटनाये मै ट्रेनों में अक्शर देखा करता हूँ। मैने जीआरपी वालों से कितनी बार शिकायतें भी की है। पर नतीजा अभी तक ढाक के तिन पात ही नज़र आया है। आज भी इलाहाबाद में मेरे सामने ट्रेन में हिजड़ो द्वारा वही नग्नता पूर्ण प्रदर्शन दोहराया गया। क्यों की इस नग्नता पूर्ण प्रदर्शन का कुछ लोगो द्वारा विरोध किया गया था। मामला गम्भीर होते होते बचा। वरना कुछ भी हो सकता था। इससे पहले की मुसाफिर कानून अपने हांथो में ले। रेलवे प्रशासन को सतर्क हो जाना चाहिए।

By - Krishna Pandit ( E & E NEWS )

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