-बिजली की असमय कटौती बंद न होने से आक्रोशित है अधिवक्ता
- सन 2009 से संगठन ने किए पचास से अधिक प्रदर्शन कई बार गए जेल
बाराबंकी : जनपद में बिजली की असमय कटौती से आमजन त्रस्त है| एक तरफ बिजली विभाग फिक्सचार्ज के नाम पर ही इस्तेमाल हो रही बिजली से ज्यादा वसूल ले रहा है और दूसरी तरफ असमय कटौती कर उपभोक्ता हितों को ठेंगा दिखा रहा है| जिसको आधार बना अधिवक्ताओं के सॉस संगठन के अध्यक्ष रितेश मिश्रा ने डीएम को कुछ दिन पूर्व ज्ञापन देकर रात्रि कटौती बंद करके 24 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने की मांग करते हुए कटौती न बंद होने पर आक्रमक कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया था| कटौती बेलगाम नियमित रहने से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने रितेश मिश्रा की अगुवाई में कलेक्ट्रेट में एकत्र होकर नारे लगाए व डीएम का पुतला फूंका| सॉस संगठन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने मंगलवार को फिर से जिला प्रशासन को चेताते हुए वक्तत्व जारी कर कहा है कि असमय व रात्रि कटौती बंद न होने पर वे जनता के धन पर पेट्रोल-डीजल जला 24 घंटा बिजली का मजा ले रहे नौकरशाहों-मंत्रियों के जनरेटर-इन्वर्टर को निशाना बना तोड़-फोड़ की कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेंगे| अधिवक्ताओं का कहना है कि जागरूकता के लिए करोड़ों का बजट खर्चा कर रही सरकार खुद ही उपभोक्ता हित दरकिनार कर जनता की गाढ़ी कमाई बिल के रूप में वसूल रही है| जबकि जब नींद व धनार्जन के लिए समय पर विभाग कटौती कर उन्हें खुले आम चूना लगा रहा है| अभी हाल ही में संगठन ने ट्रेन का चक्का भी इसी आंदोलन के चलते जाम करने की हिमाकत भी की थी|
- सन 2009 से संगठन ने किए पचास से अधिक प्रदर्शन कई बार गए जेल
बाराबंकी : जनपद में बिजली की असमय कटौती से आमजन त्रस्त है| एक तरफ बिजली विभाग फिक्सचार्ज के नाम पर ही इस्तेमाल हो रही बिजली से ज्यादा वसूल ले रहा है और दूसरी तरफ असमय कटौती कर उपभोक्ता हितों को ठेंगा दिखा रहा है| जिसको आधार बना अधिवक्ताओं के सॉस संगठन के अध्यक्ष रितेश मिश्रा ने डीएम को कुछ दिन पूर्व ज्ञापन देकर रात्रि कटौती बंद करके 24 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने की मांग करते हुए कटौती न बंद होने पर आक्रमक कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया था| कटौती बेलगाम नियमित रहने से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने रितेश मिश्रा की अगुवाई में कलेक्ट्रेट में एकत्र होकर नारे लगाए व डीएम का पुतला फूंका| सॉस संगठन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने मंगलवार को फिर से जिला प्रशासन को चेताते हुए वक्तत्व जारी कर कहा है कि असमय व रात्रि कटौती बंद न होने पर वे जनता के धन पर पेट्रोल-डीजल जला 24 घंटा बिजली का मजा ले रहे नौकरशाहों-मंत्रियों के जनरेटर-इन्वर्टर को निशाना बना तोड़-फोड़ की कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेंगे| अधिवक्ताओं का कहना है कि जागरूकता के लिए करोड़ों का बजट खर्चा कर रही सरकार खुद ही उपभोक्ता हित दरकिनार कर जनता की गाढ़ी कमाई बिल के रूप में वसूल रही है| जबकि जब नींद व धनार्जन के लिए समय पर विभाग कटौती कर उन्हें खुले आम चूना लगा रहा है| अभी हाल ही में संगठन ने ट्रेन का चक्का भी इसी आंदोलन के चलते जाम करने की हिमाकत भी की थी|
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