आज का पत्रकार


आख़िर पुलिस विभाग कब तक रहेगी अंधेरे में पत्रकारों को लेकर आज एक ऐसा सच जो हिलाकर ही नहीं बल्कि पत्रकारिता जगत की बढ़ते आयाम को लगाम लगाने में पर्याय बन सोचने पर मजबूर कर देगाा !! पत्रकार क्या है ..?? पत्रकार कौन है....?? आज जब पत्रकारिता को समाज का दर्पण समाज को एक नई दिशा देने के साथ तलवारों की धार जो अन्याय व बुराइयों के खिलाफ अपनी तत्परता के साथ कभी भी कहीं भी दो-दो हाथ करने को तैयार तथा सच का मानक बन दर्पण जो विधीवत दो रुपों को पुरी नजर रखते हुए अन्याय के खिलाफ चलना ही स्वरूप हो ऐसे भाव व कार्य जो दूसरों के प्रति निस्वार्थ भाव से प्रेरणा  का कारण बन समाज को आगे बढ़ने में सहायक हो उसे हम पत्रकारिता कहते हैं इसका शाब्दिक अर्थ व मूल अर्थ है पत्रों को सही व मूल्यांकित आकार देना अ़र्थात  जितनी जरूरत उतना ही शब्द ,, दोस्तों मैं कृष्णा पंडित कोई व्याख्या या लेख नहीं लिख रहा लेकिन क्योंकि इस पत्रकारिता जगत से जुड़े होने के कारण कुछ दर्शना  चाहता हूं ,कुछ दिखाना चाहता हूं आपके बीच में कुछ चेहरे है जिसको दिखाना चाहता हूं, इसके बहुत सारे परिभाषा हो सकते हैं बहुत सारे लोगों ने कई अलग अलग  परिभाषाएं भी इसके बारे में बताएं इस पवित्र और अनमोल शब्द "पत्रकारिता "को सुशोभित करते हैं मगर यह मेरा उद्देश्य मात्र है सिर्फ और सिर्फ आपकी ध्यान को आकर्षित करने का है कि किस तरीके से पत्रकारिता को धूमिल करने वाले चेहरों को उजागर करने का है, इनका ना कोई वास्ता पत्रकार से नहीं है कोई वास्ता पत्रकारिता से ....आज एक "सच्च " जो आपको और प्रशासनिक अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर देगा उन लोगों के बारे में और उनके इतिहास के बारे में जो  पत्रकार जैसे शब्द को सुशोभित कर रहे हैं कभी किसी ने सोचा है वह कौन है ...??क्या काम है क्या काम था ...??कई चेहरा जिसका हकिकत..कोई सडक पर नींबू पानी पिलाता था तो कोई कपड़ा बेचता था तो कोई शराब की दुकान पर चखना बेचता था और तो और कोई तो पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरता था ,जो आज दैनिक पत्रकारिता का एक स्वरूप बने हुए हैं यही नहीं मित्रों आज ये है जो पत्रकार और पत्रकारिता की परिभाषा को प्रभावित कर रहे हैं जो हाई स्कूल इंटर की शैक्षणिक योगिता को भी नहीं रखते और अगर हाई स्कूल भी किया है तो 3 वर्ष लग गए हैं उनको हाईस्कूल  पास करने में  आज ऐसे पत्रकारों की बात हो रही है जो पत्रकारिता को सिर्फ और सिर्फ एक माध्यम बना लिए हैं अपने आपको खड़ा करने की !! मैं किसी पर उंगली नहीं उठा रहा मित्र बल्की सच के दामन को दाग लगने से बचाने के लिए सोच पैदा कर रहा हूं और तो और कितनों के पास तो हाई स्कूल व इंटर की शैछणिक डिग्री भी नहीं है कईयों ने तो हाईस्कूल जुगाड़ माध्यम से भी पास किया है और डिग्री हासिल की है वही आज पहुंच जाते हैं आला अधिकारियों के पास धौंस और रॉब दिखाते हैं अपनी पत्रकारिता का... क्या किसी ने यह भी जानना उचित समझा...कि कौन है ये महोदय... नहीं  !! क्या हम सबको यह जानने का समान्य अधिकार नहीं है , और बात यही खत्म नहीं होती कुछ तो तो खुद को इस जादुई मीडिया जगत को चाचा बन बैठे है " चाचा "बन कईयों कि जिंदगी संवारने का काम कर रहे हैं जो कभी दलाली कर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाते रहे आज वह बना रहे हैं तेज तरार पत्रकार,,.. भारत को उगते सूरज की तरह चमकने का सहयोग दे रहे हैं ..!!मित्रो जो व्यक्ती ईमानदारी और पूर्ण निष्ठा के साथ पत्रकारिता करता है जिसकी जिंदगी या जीने की सोच ही पत्रकारिता से हो उसके आधार को भी धात पहूँच रहा है , जिसका सोनाेे और उठना-बैठना भी  ताल्लुक रखता हो पत्रकारिता से तो क्या उन सब कि सभी ऐसे लोग छबि धूमिल नहीं कर रहे हैं ...आप जरूर सोचें और जरूर अपने दिमाग में एक बार इस बात का ध्यान रखें मेरा आपसे विनम्र निवेदन है मैं किसी की बुराई नहीं बल्कि सच एवं पत्रकारों की आने वाला कल सुंदर हो स्वच्छ बना रहे इस सोच के साथ आप सभी को प्रणाम करता हूं और समय-समय पर बुराइयों के प्रति अलग-अलग विषयों के साथ आप को रूबरू कराता रहूंगा !!
जय हिंद जय भारत
आपका कृष्णा पंडित !!

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