घर-घर पूजे गये गोधन, की धन-धान्य की कामना


कोंच। बुंदेलखण्ड और ब्रज क्षेत्र का प्रमुख त्योहार गोबर्धन पूजा अर्थात् गोधन पूजा का पर्व यहां श्रद्घाभाव के मनाया गया। लोगों के घरों में गोबर से बनी गोबर्धन की प्रतिकृति बनाई गई और परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ बैठ कर गोधन पूज कर कामना की कि उनके घर धन-धान्य से हमेशा भरे रहें। कृषक परिवारों में खासतौर पर इस पर्व का बहुत ही महत्व है और भगवान गोबर्धन जिन्हें वस्तुत: भगवान कृष्ण का ही स्वरूप माना गया है, को अन्नकूट का भोग लगा कर उनकी प्रदक्षिणा की गई।
गोबर्धन पूजा गुरूवार को कोंच और आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़े ही श्रद्घाभाव और परम्परागत उत्साह के साथ सम्पन्न हुई। गुरूवार को घरों में बीच आंगन में गोबर के गोधन पसारे गये और उन्हें खीलों से सुसज्जित किया गया। इसके बाद घर के मुखिया ने परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिल कर विधि विधान के साथ उनका पूजन किया। परिवार के सभी सदस्यों ने मिल कर गिर्राजजी महाराज की प्रदक्षिणा की और उनसे प्रार्थना की कि उनके घरों में सदा सुख शांति रहे और अन्न के भण्डार उनके घरों में भरे रहें। अन्नकूट से भगवान गोबर्धन का भोग लगाया गया। वस्तुत: गोबर्धन पर्वत की इस प्रतिकृति पर गोबर से पहाड़, बृक्ष, नदियां, वन आदि उकेरे गये थे, माना जाता है कि यह प्राकृतिक धरोहरें हमें जीविकोपार्जन के साधन उपलब्ध कराती हैं और द्वापर में भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को देवराज इंद्र की पूजा करने के बजाय उस गोबर्धन पर्वत की पूजा करने के लिये प्रेरित किया था जो हमें अपना जीवन चलाने के लिये साल भर अन्न, ईंधन और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराता है। तभी से गोधन पूजा का प्रचलन प्रारम्भ हुआ, ऐसा विद्वानों का मानना है।
इधर, किराना कमेटी ने भी कराया गिर्राज जी का चालीसा पाठ जिसमें भक्ति की गंगा में व्यापारी सरावोर दिखे।
दीपावली की भोर पड़वा के दिन मियागंज स्थित राकेश मित्तल के प्रतिष्ठान पर किराना कमेटी के द्वारा संगीतमय गिर्राज जी चालीसा का पाठ किया गया। पं.विष्णुकांत शास्त्री ने पूजन अर्चन कराया, आरती प्रमोद शुक्ला ने उतारी। ऑर्गन पर सागर वोहरे, ढोलक राजीव दुवे संगत कर रहे थे।
इस दौरान अध्यक्ष संदीप अग्रवाल, मंत्री राकेश मित्तल, राजेन्द्र इंदुरखया, हरिकिशुन राठौर, विनोद लोई बाले, कमलेश गिरवासिया, वीरेंद्र मिठया, कल्लू कनकने, अटल दतिया वाले, राममोहन राठौर, जगदीश खिल्लीवाले, अनिल बादशाह, दौलत तुसेले, रवीन्द्र अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, मनोज राठौर, रिंकू धनौरा, ब्रजकिशोर डेंगरे, चुन्नी इंदुरखया, पप्पू मोटे, मनोज सेठ, रवीन्द्रकुमार कनकने, छोटू खिल्लीबाले, राकेश रेजा, संजय मित्तल, अवधेश बसोव वाले, बलराम डेंगरे आदि मौजूद रहे।

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