देश भर में गणपति विसर्जन का माहौल

सबने गाया अगले बरस तू ज़ल्दी आ
Ganesh Visarjan 2018: 










गणेश विसर्जन के दिन बप्‍पा को धूम-धाम से विदा किया जाता है. अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन गणपति बप्‍पा मोरया की ध्‍वनि से पूरा माहौल गूंज उठता है.
दस दिन तक भक्तों का कल्याण करने वाले और संकटों का नाश करने वाले विध्नहर्ता विनायक के विदा होने के अवसर पर भक्तों के नेत्रों में अश्रु भी होते हैं और जुबान पर सुंदर गीत भी होते हैं।दस दिन तक भक्तों का कल्याण करने वाले और संकटों का नाश करने वाले विध्नहर्ता विनायक के विदा होने के अवसर पर भक्तों के नेत्रों में अश्रु भी होते हैं और जुबान पर सुंदर गीत भी होते हैं।
पूरे रास्ते भक्त नाचते गाते हैं। भक्ति गीतों से गणपति को प्रसन्न करते हैं। लाल, पीले, हरे, गुलाबी और सफेद अबीर उड़ाए जाते हैं। पुष्पों की मस्त होली होती है। लोग एक दूसरे से मिलते हैं। सब भेद भाव और वैमनस्यता को विस्मृत कर परस्पर भाई चारे के यह पर्व लोगों को एक सूत्र में बंधकर रहने और राष्ट्रवाद का संदेश देता है। रास्ते में प्रसाद का वितरण होता रहता है। कई लोग भक्तों को शीतल जल पिलाते रहते हैं। फलों और लड्डू का प्रसाद भक्तों में खूब वितरित होता रहता है। अंत में नदी या जलाशय में प्रतिमा का  विसर्जन कर दिया जाता है।
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
दिनांक 23 सितम्बर 2018 को प्रातः 8 बजे से 12 बजकर 30 मिनट तक चलेगा। फिर दोपहर 2 बजे से शुरू होकर 3.30 बजे तक और फिर सायंकाल 6 बजकर 30 मिनट से रात्रि 11 बजे तक चलेगा।
विसर्जन के समय ना करें ये काम
विसर्जन के समय कोई भी चीज प्रतिमा से अलग ना करें, चाहे वो प्रतिमा पर अर्पित कोई मूल्यवान वस्त्र या आभूषण ही क्यों ना हो। इस प्रकार प्रतिमा का विसर्जन करके भक्त अपने घरों को वापस लौट जाते हैं।

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