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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने और भारत को ‘भय के शासन’ से मुक्त कराने के लिए विपक्षी दलों का अजेय गठबंधन बनाया जा सकता है। हालांकि चिदंबरम ने इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि गठबंधन में प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा। उन्होंने कहा कि यह पूछना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले गठबंधन बना लें और चुनाव हो जाए। आप पटकथा लिखे जाने से पहले जवाब जानना चाहते हैं।’’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सभी विपक्षी दल जिस सबसे महत्वपूर्ण सवाल पर एकमत हैं, वह है कि भाजपा को हराया जाना चाहिए। चिदंबरम ने यहां कहा, ‘‘इस विषय पर तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार आदि सरीखे कई राज्यों में विचारों में एकरूपता है। यह एकरूपता ही विपक्षी पार्टियों को साथ में लाएगी और राज्यवार गठबंधन बनाये जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि पहली बार हम देश में जनता के बड़े वर्ग में ‘‘डर की भावना’’ देख रहे हैं।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘दलित डर में रहते हैं, मुस्लिम डर में रहते हैं, महिलाएं डर में रहती हैं, प्रेस डर में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम स्वीकार्य लोकतांत्रिक अधिकारों और लोकतांत्रिक पदों से दूर जा रहे हैं। यह देश के लिए खतरनाक प्रवृत्ति है। हम आजादी (अंग्रेजों से) चाहते थे क्योंकि हम बिना डर के रहना चाहते थे। और आज देश का बड़ा वर्ग डर में रह रहा है और इसे समाप्त करना होगा।’’
क्या कांग्रेस विपक्ष के गठबंधन में कर्नाटक वाला मॉडल अपनाएगी जहां उसने सबसे बड़ा दल होने के बाद भी मुख्यमंत्री का पद जेडीएस को दे दिया, इस पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस को देने की स्थिति में तेलंगाना राष्ट्र समिति और तृणमूल कांग्रेस जैसे कुछ दलों के सहज नहीं होने की खबरों के बारे में पूछने पर चिदंबरम ने कहा कि चुनाव तक इंतजार करना ठीक होगा।
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