⚡वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी को क्योटो की तरह स्मार्ट सिटी बनाने का जो सपना देखा है वो तो अभी दूर की कौड़ी है, लेकिन यातायात विभाग ने तो इस शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये की वसूली कर एक नया कीर्तिमान बना दिया। स्मार्ट सिटी में ट्रैफिक व्यवस्था कैसी हो इसके लिए जागरूक करने के लिए एक नवंबर से यातायात विभाग ने यातायात माह की शुरुआत की थी। लेकिन ये जागरूकता अभियान सिर्फ जुर्माना वसूली और वाहनों को सीज करने तक ही सीमित रहा।
⚡दो हजार वाहन हुए सीज
एसपी ट्रैफिक ने बताया 29 नवंबर तक करीब डेढ़ करोड़ रुपया जुर्माना वसूला गया और दो हजार से ज्यादा वाहनों को सीज किया गया है। इसके अलावा 45 हजार से ज्यादा छोटे बड़े वाहनों का चालान काटा गया।
⚡यातायात माह बना जाम माह
यातायात माह की जब शुरुआत हुई तो शहर के लोगों को लगा कि आटो, रिक्शा और डग्गामार गाडि़यों की अराजकता से छुटकारा मिलेगा। एक महीने के लिए ही सही शहर जाम मुक्त दिखेगा। लोगों का ये भ्रम यातायात माह शुरू होते ही टूटने लगा, जो माह खत्म होते-होते पूरी तरह चकनाचूर हो गया। अंतिम दिन हालत ये थी कि सुबह दस से बारह बजे तक लहरतारा जी़टी रोड और उसके बाद पाण्डेयपुर, सिगरा, भेलूपुर, लंका समेत पूरा शहर जाम से कराहता रहा। आलम यह था कि इस माह ट्रैफिक व्यवस्था को ही पूरी तरह ताख पर रख दिया गया। पूरा अमला चौराहे, तिराहे और हर जगह जुर्माना ठोको वाहन सीज करो अभियान में जुटा रहा। नतीजा ये रहा कि चौराहे हो या तिराहे वहां ट्रैफिक के जवान तो दिखते रहे लेकिन उनको ट्रैफिक कंट्रोल से कोई मतलब नहीं था। पूरी व्यवस्था होमगार्डों के भरोसे चलायी गयी। यातायात पुलिस का ये अभियान देखकर लगा कि जैसे उन्हें टारगेट पूरा करने का लक्ष्य दिया गया हो।
⚡जागरूकात के नाम पर टॉय-टॉय फिस्स
वैसे तो यातायात माह में शहर के लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे जागरूक किया जाता है। यातायात माह के पहले दिन शहर के कुछ इलाके में जागरूकता रैली निकाली गयी। उसके बाद शहर के किसी चौराहे पर न तो जागरूकता अभियान दिखा और न कोई पर्चा, बैनर पोस्टर दिखा। अगर कुछ दिखायी पड़ा तो अधिकारियों की मौजूदगी में बीच सड़क वसूली करते ट्रैफिक के जवान।
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