0 कोंच के इतिहास में पहली बार बेटी ने दी दिवंगत पिता के शव को मुखाग्नि
कोंच-उरई। हालांकि बेटियों द्वारा अपने दिवंगत माता-पिता को मुखाग्नि देने का चलन देश के कई हिस्सों में बढा है, लेकिन कोंच के इतिहास में पहली बार बेटों द्वारा दी जाने बाली स्थापित और दकियानूसी परंपराओं को तोड़ा है नाथूराम पुरोहित बालिका इंटर कॉलेज में क्लर्क रामवीर बाबूजी की बेटियों दीपिका सिंह व मोनिका सिंह ने। उन्होंने अपने दिवंगत पिता को मुखाग्नि देकर सामाजिक रीति रिवाजों में बदलाव का एक नया अध्याय जोड़ा है।
यहां के प्रतिष्ठित नाथूराम पुरोहित बालिका इंटर कॉलेज में लिपिक के तौर पर कार्यरत रामवीर बाबूजी का गत रोज हृदय गति रूक जाने के कारण असामयिक निधन हो गया। दिवंगत रामवीर की पत्नी मधुसिंह भी उसी विद्यालय में शिक्षिका हैं। दंपत्ति के संतानों के नाम पर दो बेटियां हैं जिन्हें उन्होंने बेटों की तरह पालपोस कर बड़ा किया और अच्छी शिक्षा दीक्षा प्रदान कराई है। रामवीर के निधन के बाद उनकी अंत्येष्टि में जुटे लोगों में इस बात को लेकर चर्चा छिड़ गई कि इन्हें मुखाग्नि कौन देगा, लेकिन इस समस्या का समाधान खुद उनकी बेटियों ने निकाल लिया। उन्होंने न केवल अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया बल्कि लोक परंपराओं और रीतिरिवाजों के बंधनों को तोड़ कर दिवंगत पिता को मुखाग्नि भी दी। बेटियों के इस निर्णय को चैतरफा सराहा भी गया। नगर के विद्वान ब्राह्मण पं. गोविंदशरण मिश्रा द्वारा जरूरी अनुष्ठान संपादित कराये गये और रामवीर की बेटियों दीपिका सिंह (20) व मोनिका सिंह (18) ने अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कीं। दीपिका आगरा में बीटेक कर रही है और मोनिका कानपुर में सीपीएमटी की कोचिंग ले रही है। दिवंगत रामवीर बाबूजी भी अपने मृदुल व्यवहार के कारण यहां काफी लोकप्रिय थे और उनकी अंतिम यात्रा में नगर के तमाम प्रबुद्ध लोग शामिल रहे। निधन पर न केवल नाथूराम बालिका इंटर कॉलेज बल्कि एसटीके बालिका विद्यालय आदि ने भी अवकाश घोषित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। उनके निधन पर सांसद भानुप्रताप वर्मा, विधायक उरई दयाशंकर वर्मा, पालिका चेयरपर्सन प्रतिनिधि विज्ञान विशारद सीरौठिया, सपा जिलाध्यक्ष चैधरी धीरेन्द्र यादव, क्रय विक्रय समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद्र तिवारी, एलएसएस जुझारपुरा के अध्यक्ष प्रतिपालसिंह गुर्जर आदि ने भी गहन संवेदना व्यक्त की है।
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