वाराणसीः

 84 घाटों पर असंख्य जलते दीप। पूरे गंगा के पानी को शहद जैसे रंग में रंगती दीपों की रोशनी। जितने दीपक उतने लोग और लगातार सुनाई देती हर-हर महादेव की गूंज। ये महसूस करा गए कि जैसे स्वर्ग का द्वार खोल दिया गया हो और वहां से आने वाली रोशनी सीधे काशी के गंगा घाटों पर पड़ रही हो। कुछ ऐसा ही था बुधवार को देव दीपावली की निशा पर काशी के गंगा घाटों का नजारा। ऐसा लग रहा था मानो करोड़ों देवी-देवता घाटों पर उतर आए हों और आठ किलोमीटर में ही तीनों लोक समा गए हों। खिड़किया घाट से लेकर अस्सी घाट तक या तो रोशनी बिखेरते दीप दिख रहे थे या फिर भीड़। तट पर दीपों की रोशनी थी तो आसमान में आतिशबाजी की छटा। देव दीपावली की इस शाम की साक्षी बनीं बॉलीवुड स्टार सोनम कपूर, उनकी मां सुनीता कपूर, सूबे के दिग्गज कैबिनेट मिनिस्टर शिवपाल यादव, अनूप जलोटा, मालिनी अवस्थी व दूसरे सैकड़ों वीवीआईपी और काशी ही नहीं देश-विदेश के लाखों दर्शक।
शाम होते ही सभी घाट भीड़ से पट गए। दशाश्वमेध घाट पर आलीशान मंच सजाया गया था। सोनम कपूर सपरिवार नाव से वहां वीवीआईपी के लिये बने बजड़े पर पहुंचीं। उनके अलावा शिवपाल यादव, मुख्य सचिव समेत वीवीआईपी भी मौजूद रहे। सभी ने बजड़े से ही भव्य गंगा आरती के दर्शन किये। इसके साथ ही गंगा घाटों पर दीपों का मेला शुरू हो गया। हर घाट पर सैकड़ों लोग लगातार दीपों को रोशन रखने में लगे हुए थे। आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। शीतला घाट व अस्सी घाट पर भी भव्य गंगा आरती की गयी। काशी के सभी घाटों को दीपों के साथ फूल मालाओं से सजाया गया तो तट के सभी घर व मन्दिर भी बिजली की रंग-बिरंगी झालरों से रोशन थे। उधर कैथी स्थित मारकण्डेव महादेव घाट से लेकर गंगा गोमती संगम तट सवा लाख दीपों से जगमगा उठा। गोरी केदारेश्वर महादेव पर 51 हजार दीप प्रज्वलित किये गए।
84 घाटों पर सजी दीपों की कतारें देख ऐसा लग रहा था मानो तारे जमीन पर उतर आए हों। इस दौरान जो गंगा आरती हुई, वह आम दिनों की अपेक्षा अलग ही भव्यता समेटे हुई थी। जैसा की कहा जाता है कि रोशनी के इस जश्न में लोग ही नहीं देवता भी जुटते हैं। ऐसे समय में देश के शहीदों की याद भी साथ रही। राजेन्द्र प्रसाद घाट पर इण्डिया गेट बनाकर अमर जवान ज्योति जलाई गई। हेड क्वाटर सेंट्रल कमाण्ड लखनऊ, हेड क्वाटर सेंट्रल एयर कमाण्ड इलाहाबाद, 39 जीटीसी वाराणसी, एयरफोर्स सेलेक्शन बोर्ड वाराणसी की ओर से शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लेफिटेंट जनरल आरपी शाही ने की।
ऐसी मान्यता है कि इस तिथि से पहले कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु नींद से जागते हैं। यह भी माना जाता है कि दीपावली पर महालक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु से पहले जाग जाती हैं। इसलिए दीपावली के 15 दिन बाद देवताओं की दीपावली मनाई जाती है। इसे ही आगे चलकर देव दीपावली ने नाम से जाना गया।
तीनों लोक से न्यारी कही जाने वाली काशी में शायद ही कोई दिन उत्सव के बगैर बीतता हो। पर दीपावली के 14 दिन बाद पर पड़ने वाले कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर देव दीपावली के उत्सव की बात ही कुछ और है। ऐसी मान्यता है कि सभी देवता पृथ्वी पर देव दीपावली पर ही आते हैं। आठ किलोमीटर तैक फैले गंगातट पर लगे दीपों के इस मेले को सोनम कपूर से लगायत तमाम विभाग के आलाधिकारी और राजनेताओं ने इस खूबसूरत नजारे को देखा। तो वे भी मुग्ध हुए बिना नहीं रहे। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की। जल पुलिस से लगायात एनडीआरएफ की टीम किसी अनहोनी को टालने के लिये लगातार गश्त लगा रही थी।
देव दीपावली के इस नजारे को देखने के लिये देश ही नहीं विदेशी सैलानियों की रोशनी में नहायी सैकड़ों नावें व बजड़े भी सौदर्य में इजाफा कर रहे थे। सैलानी लगातार दीपों से जगमग घाट और उसकी रोशनी में हिलोरे मारती गंगा का सौन्दर्य अपने कैमरों और मोबाइल में कैद करते रहे।

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