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कोंच। आरोग्य के प्रदाता भगवान धन्वंतरि की जयंती पर आज चिकित्सकों की प्रमुख संस्था नीमा ने उनका पूजन कर प्राणीमात्र के लिये आरोग्य की कामना की। इस अवसर पर नीमा अध्यक्ष डॉ. सुशील तिवारी ने चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े चिकित्सकों और औषधि विक्रेताओं का आह्वान किया कि इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के कंधों पर बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं जिनका सजगता के साथ निर्वहन करके ही हम अपने दायित्वों के प्रति ईमानदार रह सकते हैं।
सुरासुर्रै वंदित पादपद्मं।
लोके जरारुग् भयमृत्यु नाशनं।
धातारमीशं विविधौषधिनाम।
यहां नगर के बरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बाबूराम शर्मा के क्लीनिक पर नीमा के तत्वाधान में भगवान धन्वंतरि की जयंती मनाई गई। आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि के चित्र का पूजन कर पुष्पार्चन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बरिष्ठ चिकित्सक एवं साहित्यकार डॉ. हरिमोहन गुप्ता ने कहा कि यह सौभाग्य का बिषय है कि चिकित्सक वर्ग के ऊपर रोगियों को आरोग्य प्रदान करने का गुरूतर दायित्व है, एक चिकित्सक के प्रति समाज का जो सम्मान देने का नजरिया है वह इस लिये है कि चिकित्सक को धरती का भगवान कहा गया है। सही भी है कि यद्यपि जीवन-मरण ईश्वर और विधि के हाथों में है लेकिन किसी रोगी को मौत के मुंह से निकालना एक चिकित्सक ही सम्भव कर सकता है, इसलिये चिकित्सकों का यह दायित्व है कि वह अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ करे। डॉ. दिनेश उदैनिया ने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र भी हालांकि अब व्यवसायिक रूप ले चुका है लेकिन अगर चिकित्सक मानवीय दृष्टिकोण सामने रख कर अपना काम करेगा तो निश्चित तौर पर वह अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार रह सकेगा।
कवि हृदय डॉ. एलआर श्रीवास्तव ने अपनी रचना के माध्यम से भगवान धन्वंतरि को श्रद्घाप्रसून समर्पित किये। डॉ. बाबूराम शर्मा, डॉ. अनिल झा, डॉ. प्रदीप गर्ग आदि ने भी शब्द प्रसूनों से भगवान धन्वंतरि का अर्चन वंदन किया और उनसे कामना की कि जिस दायित्व से वे बंधे हैं उन्हें पूरा करने की वे शक्ति प्रदान करें। संचालन नीमा अध्यक्ष डॉ. सुशील तिवारी ने किया। इस दौरान डॉ. दिलीप अग्रवाल, डॉ. सतीश शुक्ला, डॉ. ब्रजेश श्रीवास्तव, डॉ. रेखा श्रीवास्तव, डॉ. आनंद गुप्ता, डॉ. आलोक निरंजन, डॉ. रामप्रकाश प्रजापति, डॉ. प्रह्लाद, डॉ. अखिलेश निरंजन, डॉ. रवीन्द्र अग्रवाल, डॉ. केशवदास निरंजन, डॉ. आनंद शर्मा, डॉ. दिनेश निरंजन, डॉ. हर्षबर्द्धन गुप्त आदि मौजूद रहे।
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