कहाँ है 300 आतंकियों की तसवीरें पूछा ममता बनर्जी ने!





पुलवामा आतंकी अटैक के बहाने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल उठाने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब सरकार से एयरस्ट्राइक के सबूत मांगे हैं. ममता बनर्जी ने कहा है कि पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री ने कोई सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई. उन्होंने यह कहते हुए सरकार से ऑपरेशन की जानकारी साझा करने के लिए कहा है.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बीते 14 फरवरी को जैश के आत्मघाती आतंकी ने सीआरपीएफ के काफिल को निशाना बनाया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. मसूद अजहर के आतंकी संगठन की इस करतूत का जवाब देने के लिए 26 फरवरी की देर रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी की सीमा में घुसकर आसमान से जैशे के आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था. इस एयरस्ट्राइक ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी और देश में तमाम राजनीतिक दलों ने भारतीय वायुसेना के पराक्रम को सलाम किया.
विदेश मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक प्रेस वार्ता में मौत का कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन मंत्रालय की तरफ से ये जरूर कहा गया कि जैश के कैंप पर जो एयरस्ट्राइक की गई है, उसमें आतंकी समूह के कमांडरों समेत बड़ी तादाद में आतंकियों को मारा गया. हालांकि, पाकिस्तान ने इस एयरस्ट्राइक से किसी भी प्रकार का नुकसान होने का दावा किया.
ममता बनर्जी ने मांगी एयरस्ट्राइक की पूरी जानकारी
अब इस एयरस्ट्राइक को लेकर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा, 'विपक्ष होने के नाते हम ऑपरेशन और एयरस्ट्राइक की पूरी जानकारी चाहते हैं. सरकार बताए कि कहां बम गिराए गए, कितने लोग उसमें मारे गए?'

ये सवाल करते हुए ममता बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया. उन्होंने बताया, 'मैं न्यूयॉर्क टाइम्स पढ़ रही थी और उसमें लिखा था कि इस ऑपरेशन में कोई नहीं मारा गया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक मौत की बात कही गई है. इसलिए हम इसकी पूरी जानकारी चाहते हैं.'
उन्होंने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर चुनाव से पहले जवानों के खून पर राजनीति करने का आरोप लगाया. ममता ने कहा कि जवानों के साथ ऐसा कोई कैसे कर सकता है.
हम जवानों के साथ
ममता बनर्जी ने कहा कि वह देश के सुरक्षाबलों के साथ हैं. लेकिन राजनीति विवशता के लिए हम युद्ध नहीं चाहते हैं. अगर बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो तो हम राष्ट्र के साथ हैं. लेकिन चुनाव जीतने के लिए किसी युद्ध का हम समर्थन नहीं करते हैं. हम शांति चाहते हैं.

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