बिग बी कई दशकों से हिंदी सिनेमा पर राज कर रहे हैं. उनकी कड़ी मेहनत और उत्साह ने उन्हें आज उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां पहुंचने का सपना शायद उन्होंने कभी संजोया न था.इलाहाबादी अमिताभ, संघर्ष कर बॉलीवुड के शहंशाह बनने का जीता-जागता उदाहरण हैं. अमिताभ बच्चन के संघर्ष और सफलता की कहानी जितनी आश्चर्यजनक है, उतनी ही रोमांचक भी, जितनी अविश्वसनीय है, उतनी ही सम्मोहक भी.अमिताभ 76 साल के हो गए हैं लेकिन आज भी उनमें काम करने की लगन वही देखी जा सकती है जो उनके करियर के शुरुआती दिनों में थी. वह आज भी काम को लेकर उतने ही उत्साहित हैं.
अमिताभ ने अपने करियर की शुरुआत में कई उपहास सहने पड़े. उन्हें कुछ फिल्मों से तो सिर्फ उनके लंबे कद की वजह से हाथ धोना पड़ा. यही नहीं उनकी अावाज को लेकर भी मजाक उड़ाया गया.'जब-जब जग उस पर हंसा है, तब तक इतिहास रचा है' इस लाइन को अमिताभ ने सच कर दिखाया. आज नकारे गये लंबे कद और बुलंद आवाज ने ही उन्हें सबसे खास पहचान दिलाई है.हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति के दसवें सीजन में एक एपिसोड के दौरान उन्होंने अपनी ज़िंदगी से जुड़ा एक ऐसा राज शेयर किया जिसे सुनकर उनके फैन्स काफी भावुक हो गए।
शो के दौरान उन्होंने उस दौर की याद ताज़ा की जब वे फ़िल्मी दुनिया में शामिल भी नहीं हुए थे. अमिताभ बताते हैं कि ये उस दौर की बात है जब मैं फिल्मों में नहीं कलकत्ता में एक जगह नौकरी करता था. वहां नौकरी पर मुझे तनख्वाह के तौर पर महज 500 रुपए ही मिलते थे. जोकि अगर आज देखे जाएं तो बेहद ही कम धनराशि है. उन्होंने बताया कि कलकत्ता में उन्होंने रहने के लिए एक कमरा लिया जोकि उन्हें उस वक्त 300 रुपए महीने के रेंट पर मिला. उस कमरे में अमिताभ के अलावा 7 और भी लोग रहते थे.अमिताभ बताते हैं कि किराया चुकाने के बाद महीने के खर्च के लिए सिर्फ 200 रुपए ही बचते थे तब वे अपनी भूख का इंतजाम करने के लिए पानी के बताशे खाया करते थे. जोकि काफी स्वादिष्ट होने के साथ साथ सस्ते भी हुआ करते थे. दरअसल शो में कलकत्ता से जुड़ा एक प्रश्न आने पर अमिताभ की ये पुरानी याद उनके ज़ेहन में ताज़ा हो गई थी जिसे उन्होंने केबीसी के एपिसोड में अपने फैन्स के साथ शेयर किया
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