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दो कौड़ी का अंगूठा छाप  मंत्री या टटपूंजिया नेता  चाहे वो किसी भी पार्टी का हो या प्रदेश का ,,मेहनत और पढ़ाई के बलबूते प्रशासनिक सेवा में पहुंचे अफसर का तबादला या निलंबन करा देता है ,सिर्फ इसलिए कि    वो अफसर इन घटिया नेताओं के तलवे चाटने के बजाय कानूनन काम करता है ,,यहां पर अगड़ा पिछड़ा का कोई मतलब नहीं मतलब सिर्फ सत्ता की हेकड़ी दिखाने से है ,मानसिक रूप से खोखले हो चुके नेताओं की अकड़ की बलि चढ़ते हैं अधिकारी ,और इस काम में सभी दल शामिल हैं जो सत्ता के साथ नहीं वही परेशान किया जाता है ,कालिया ,नागपाल ,अमिताभ ठाकुर लिस्ट बहुत लंबी है ,जिन्हे सत्ता के दलालों ने नौकरी करना मुश्किल कर दिया ,नेताओं को अधिकारी नहीं पालतू नौकर चाहिये !! कृष्णा पंडित !!

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