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●दर्जन भर सीटों पर कब्जे के साथ जिपं अध्यक्ष पद की दावेदारी पुख्ता
●सपा जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र की गृह तहसील कोंच की सभी पांचों सीटें सपा की झोली में
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कोंच।हालिया निपटे पंचायत चुनाव में सत्तारूढ सपा ने जिले की पच्चीस जिपं सीटों में से बारह सीटों पर धमाकेदार कब्जा कर अपना सियासी गणित सफल कर लिया है।जिपं अध्यक्ष बनाने के लिए उसे महज एक सदस्य की जुगाड़ भर करनी होगी, लेकिन शर्त यह है कि सपा के सभी जीते जिपं सदस्य खुद में भी ईमानदार रहें और पार्टी के प्रति भी ईमानदारी बरतें।इस बंपर जीत का सेहरा बाकई पार्टी जिलाध्यक्ष चौधरी धीरेन्द्र यादव और उनकी सियासी समझबूझ को मिलना चाहिए।इस लिये और भी, जब लगभग सभी सीटों पर पार्टी के ही लोग एक दूसरे के सामने ताल ठोंक रहे थे।
सपा की इस बड़ी जीत के लिए जिलाध्यक्ष चौधरी धीरेन्द्र यादव ने सपा की नीतियों और सूबे के युवा तथा ऊर्जावान मुख्य मंत्री अखिलेश यादव द्वारा प्रदेश में कराये गये विकास और आम जनता के लिए चलाई जाने बाली योजनाओं को पूरा श्रेय देते हुए कहा कि इन चुनावों ने विरोधियों की बोलती बंद कर दी है।चुनाव परिणाम इस बात की तस्दीक करते हैं कि राज्य की जनता का सरकार में पूरा भरोसा है और वह मानती है कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के रहते उसका भबिष्य सुरक्षित है।
हालांकि इस जीत के बाद असल अग्नि परीक्षा तो आने बाले समय में होनी है।जिपं सीट महिला के लिए आरक्षित होने के कारण सपा में कईयों की दावेदारियां अभी से सामने आने लगी हैं।मौजूदा जिपं अध्यक्ष शिशुपाल यादव की पत्नी उमादेवी की हार से उनकी रणनीति को हालांकि बड़ा झटका लगा है, लेकिन सियासी दांवपेंच में माहिर शिशुपाल के बड़े भाई राज्य सभा सदस्य डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव जिपं अध्यक्ष पद के लिए कौन सी दूर की कौड़ी लाते हैं, यह देखना बाकई दिलचस्प होगा।
इधर, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष नन्हूराजा की चुर्खी से जीती पत्नी इच्छाराजे, ब्लॉक प्रमुख माधौगढ सुदामा दीक्षित की पत्नी नम्रता तिवारी दीक्षित में दावेदारी को लेकर जंग होना तय है क्योंकि इन दोनों का अपनी पत्नियों को चुनाव लड़ाने का मकसद ही अध्यक्षी हासिल करना रहा है।यहां खास बात यह है कि नम्रता तिवारी दीक्षित यानी सुदामा दीक्षित पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी और सपा जिलाध्यक्ष चौधरी धीरेन्द्र यादव गुट को रिप्रजेंट करने बाले ब्राह्मण चेहरे हैं और इस गुट की पहली पसंद बन सकते हैं। सपा से एक तीसरी दावेदार भी बन सकती हैं बबीना से जीत कर आई फरहा नाज, लेकिन इस तीसरे नाम को सपा के दोनों गुट समर्थन दे सकते हैं, इसमें संदेह है।
शिशुपाल गुट अप्रत्याशित रूप से कोई और भी गेम खेल सकता है जिसमें पहाडग़ांव सीट से जीत कर आई सुमन देवी पर भी दांव खेला जा सकता है क्योंकि सुमन के पति देवेन्द्र शिशुपाल की किचन केबिनेट के खास मैंबर हैं। बहरहाल, इस स्थिति में जब जिपं अध्यक्ष पद के लिए सपा के पास पर्याप्त नंबर्स हैं, यह देखना बाकई दिलचस्प होगा कि इस अंदरूनी घमासान से पार्टी किस तरह निपट पाती है।
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