राजनीति को गंदा करते भ्रष्ट नेता जी

काश कोई होता जो समाज के उत्थान और कल्याण के लिए सफेदी का चोला पहनता आज तो नेतागिरी केवल मात्र पेशा हो गया है दलाली और दूसरों पर रौब, खुद की झोली भरने का चाहे कोई कितना भी नैतिक  और सर्वत्र समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समाज के प्रती पूरी जिंदगी समर्पण क्यों न कर दिया हो लेकिन आज के नेता जी उसको भी अपना गुलाम बनाना चाहते हैं और अपनी राजनीति चमकाने हेतु बिना किसी वजह जनता के बीच एक मुद्दा को प्रायोजित कर खुद की समाज के हित ऐसी के रूप में प्रकट कर बड़ा होने का अहसास दिलाते हैं लेकिन हकीकत परद दर परद उनकी चतुराई और उनकी निरंकुश ऐच्छिक भाव को निरोतर करते हुए एक तमाशा का प्रद़्रशन मात्र हि है ! काम करने वाले को उनके धरना करना जिसका उदेश्य मात्र भी न पता हो तो फिर क्या अपना फोटो मिडीया मे लाने कि ललक दूसरों को नेतागिरी का प्रहार कर सही दिशा का बोध करने हेतु अपनी सोच को भी गिरवी रख मजबूर कर देता है कि उनकी अनैतिक विचार वह उनके बड़प्पन और बड़ा होने का सबूत देता है और खुद को नेता जी भी गौरवांवित करते हैं ! जब कोई व्यक्ति अपने कर्म को धर्म मान कर पूरी जिंदगी समाज के लिए समर्पण कर देता है उस पर भी आज के नेता जी की द्वारा उंगली उठाना लाज़मी है क्यो कि उनकी बात बन नही रही है , आज बात यातायात नियंत्रक sp ट्राफिक डॉ बी एन तिवारी उ़र्फ बद्रीनाथ तिवारी जो नित्य कर्म से ही त्यागी और समाज के प्रति खुद का समर्पण का भाव लिए ५९ वर्ष की उम्र में भी 20 वर्ष की ऊर्जा के साथ अपने कामों को बखूबी अंजाम देते हैं चाहे सुबह 7 बजे हो या रात के नौ बजे हो वह ड्यूटी पर तैनात अपने सहकर्मियों के साथ बिना किसी भेदभाव अपने काम को पूरा करते हैं जब मैंने वाराणसी की यातायात संबंधी बात की तो उन्होंने बताया कि जब से हम यह कमान संभाला है तबसे कितनों की दलाली वह वसूली पर ताला लग गया है जिसके कारण वह खुद को स्थापित करने हेतू हमें बुरा दिखाना चाहते हैं और जब की पुलिस अधिनियम की धारा 31 में पद्रत अधिकारों का प्रयोग करते हुए कैंट से लंका की सड़क की जाम को     दृष्टिगत रखते हुए उक्त  मार्ग प्रतिबंध श्री अजय मिश्रा जी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने हि की थी ! ई रिक्शा भी उसी की श्रेणी में आता है बिगत चार महीने में कैंट स्टेशन से लंका तक भयंकर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई तो sp ट्राफिक श्री bn तिवारी जी ने आयुक्त महोदय से वार्ता कर श्री अजय मिश्रा जी तत्कालीन वरिष्ट पुलिस  अधीक्षक की आदेश का स्वयं पालन किया  उससे संबंधित थाना अध्यक्षों व क़र्मचारियों को सख्त आदेश दिए कि उप्त मार्ग पर रिक्शा ई रिक्शा बंद करा दें जिससे कि बनारस की जनता को जाम से निजात मिले सके क्योंकि आज की तिथि में किसी ई रिक्शा का MV एक्ट( मोटर वेहिकल )1988 में कोई भी आर टी ओ कार्यालय में पंजीयन तक नहीं हुआ है !! इसलिए उक्त रोड पर कोई भी प्रतिबंध जिससे कि बनारस की जनता को जाम से समाधान हो सके तो इसमें नेताजी की क्या जाता है  ?? लेकिन आज कै हमारे नेता जी जिसका की union भी नहीं बना और बन गये अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ,भी हो गए जब की हकीकत यह है कि अभी R T O  में उसका पंजीयन भी नहीं हुआ है तो समाज और उनकी समाज के प्रति जी मदारी टाईप सेवा है उसका क्या अ़र्थ ......ऐसे कई सारे प्रश्न मुँह बाये खडा है......???
!!कृष्णा पंडित !!
गॉडिव संवादाता वाराणसी

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