वाराणसी कप्तान साहेब एक नज़र इधर भी


यह चित्र वाराणसी ज़िला मुख्यालय व उसके आसपास का है। ज़िला मुख्यालय के पश्चिमी द्वार पर अशोक के पेड़ के नीचे पत्रकारो हेतु वाहन खड़ा करने की व्यवस्था थी। वर्त्तमान में पत्रकारो को छोड़ सभी के वाहन वहा खड़े हो जाते है। यहाँ तक कि पत्रकारो को स्वयं वाहन खड़े करने की जगह नहीं मिलती है।
वही जे पी मेहता कॉलेज के सामने पटरी पर पार्किंग की व्यवस्था तत्कालीन जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने की थी ताकि मुख्यालय के आस पास वाहनों का जमावड़ा कम हो सके। इस पार्किंग को लाखो की लागत से बनाया गया मगर इसका सदुपयोग आज तक नहीं हुवा वर्त्तमान में एक वाहन बेचने की कंपनी ने अपने वाहन खड़े कर इसपर अवैध कब्ज़ा कर चुकी है। प्रशासन की नज़र इसपर आजतक नहीं पड़ी है।
इस सम्बन्ध में जब पत्रकारो का एक प्रतिनिधि मंडल श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी कैंट से वार्तालाप करने पहुचा तो सर्वप्रथम उन्होंने समय न होने की बात की फिर एक विशेष कृपादृष्टि दिखाते हुवे उन्होंने समस्या जानने का प्रयास किया। इस हालात पर उनका ध्यान केंद्रित जब पत्रकारो ने करवाया तो क्षेत्राधिकारी महोदय ने पत्रकारो को सलाह दी की आप लोग इसकी एक शिकायती प्रार्थना पत्र लिखकर कार्यालय में दे दे मैं इसकी जांच करवा लेता हु।
क्षेत्राधिकारी कैन्ट महोदय की नेक सलाह सुनकर पत्रकार भी बड़े असमंजस में है कि पत्रकारिता करते करते क्षेत्राधिकारी महोदय क्या पत्रकारो को भी जन समस्या में वादी बनाना चाहते है। या फिर प्रशासन को जनसमस्या से अवगत करवाने हेतु पत्रकारो को लिखित सूचना अधिकारियो को देनी होगी?

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