हेल्दी फूड के बारे में मुंबई की न्यूट्रीशनिस्ट नमिता शास्त्री कहती हैं, “बच्चे बहुत मूडी होते हैं. इसलिए इस बात का ख़ास ख़्याल रखें कि बच्चों का लंच इस तरह का हो, जिससे उन्हें अधिक से अधिक पौष्टिक तत्व मिल सकें और लंच उनकी पसंद का भी हो. अक्सर बच्चे फल और सलाद खाने में आनाकानी करते हैं, लेकिन उन्हें विभिन्न शेप, साइज़ और डिज़ाइन में काटकर और कलरफुल लुक देकर खाने के लिए प्रेरित करें.”
कुछ ज़रूरी बातें
♦ कुछ बच्चे खाने में अधिक समय लगाते हैं. इसलिए खाना टेस्टी, सिंपल व ईज़ी टु ईट वाला होना चाहिए.
♦ कई बार खाना टिफिन में इस तरह से पैक किया हुआ होता है कि बच्चे हाथ गंदे कर लेते हैं या पैकिंग खोल नहीं पाते हैं. इसलिए टिफिन में लंच इस तरह से पैक करें कि बच्चे आसानी से खोल व खा सकें.
♦ सैंडविचेज़, रोल्स और परांठा को काटकर दें, ताकि बच्चे आसानी से खा सकें.
♦ यदि लंच ब्रेक के लिए सेब, तरबूज़, केला आदि दे रही हैं, तो उन्हें छीलकर, बीज निकालकर और स्लाइस में काटकर दें.
♦ टिफिन ख़रीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि टिफिन ऐसा हो, जिसे बच्चे आसानी से खोल व बंद कर सकें.
♦ यदि बच्चा 6-7 साल से अधिक उम्र का है, तो उसके लिए इंसुलेेेटेड लंचबॉक्स ख़रीदें. इसमें लंचबॉक्स और वॉटर बॉटल एक साथ आ जाती है और यह हाइजीनिक भी रहता है.
♦ बच्चों को टिफिन में फ्राइड फूड न दें. यदि कटलेट, कबाब व पेटिस आदि दे रही हैं, तो वे भी डीप फ्राई किए हुए न हों.
♦ कई बार खाना टिफिन में इस तरह से पैक किया हुआ होता है कि बच्चे हाथ गंदे कर लेते हैं या पैकिंग खोल नहीं पाते हैं. इसलिए टिफिन में लंच इस तरह से पैक करें कि बच्चे आसानी से खोल व खा सकें.
♦ सैंडविचेज़, रोल्स और परांठा को काटकर दें, ताकि बच्चे आसानी से खा सकें.
♦ यदि लंच ब्रेक के लिए सेब, तरबूज़, केला आदि दे रही हैं, तो उन्हें छीलकर, बीज निकालकर और स्लाइस में काटकर दें.
♦ टिफिन ख़रीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि टिफिन ऐसा हो, जिसे बच्चे आसानी से खोल व बंद कर सकें.
♦ यदि बच्चा 6-7 साल से अधिक उम्र का है, तो उसके लिए इंसुलेेेटेड लंचबॉक्स ख़रीदें. इसमें लंचबॉक्स और वॉटर बॉटल एक साथ आ जाती है और यह हाइजीनिक भी रहता है.
♦ बच्चों को टिफिन में फ्राइड फूड न दें. यदि कटलेट, कबाब व पेटिस आदि दे रही हैं, तो वे भी डीप फ्राई किए हुए न हों.
क्या दें टिफिन में?
♦ लंच में खाने की अलग-अलग वेराइटी बनाकर दें. उदाहरण के लिए- कभी फ्रूट्स दें, तो कभी सैंडविच, कभी वेज रोल, तो कभी स्टफ्ड परांठा.
♦ बच्चों को टिफिन में फ्रूट्स व वेजीटेबल (ककड़ी, गाजर आदि) सलाद भी दे सकती हैं, लेकिन सलाद में केवल एक ही फल, ककड़ी या गाजर काटकर न दें, बल्कि कलरफुल सलाद बनाकर दें. बच्चों को कलरफुल चीज़ें आकर्षित करती हैं.
♦ ककड़ी, गाजर और फल आदि को शेप कटर से काटकर दें. ये शेप्स देखने में अच्छे लगते हैं और विभिन्न शेप्स में कटी हुई चीज़ों को देखकर बच्चे ख़ुश होकर खा भी लेते हैं.
♦ सलाद को कलरफुल और न्यूट्रिशियस बनाने के लिए उसमें इच्छानुसार काला चना, काबुली चना, कॉर्न, बादाम, किशमिश आदि भी डाल सकती हैं.
♦ ओमेगा3 को ‘ब्रेन फूड’ कहते हैं, जो मस्तिष्क के विकास में बहुत फ़ायदेमंद होता है. इसलिए उन्हें लंच में वॉलनट, स्ट्रॉबेरी, कीवी फ्रूट, सोयाबीन्स, फूलगोभी, पालक, ब्रोकोली, फ्लैक्ससीड से बनी डिश दें.
♦ व्हाइट ब्रेड (मैदेवाली ब्रेड) स्वास्थ्य को नुक़सान पहुंचाती है, इसलिए उन्हें व्हाइट ब्रेड की जगह मल्टीग्रेन ब्रेड से बने सैंडविचेज़ और रोल्स आदि दें. इन सैंडविचेज़ और रोल्स में सब्ज़ियां, सलाद और चीज़ आदि भरकर उन्हें अधिक हेल्दी और टेस्टी बना सकती हैं.
♦ लंच में यदि डेयरी प्रोडक्ट देना चाहती हैं, तो चीज़ स्टिक्स/क्यूब्स और दही दे सकती हैं. यदि दही दे रही हैं, तो वह ताज़ा हो.
♦ लंच के समय बच्चों को अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है. इसलिए उन्हें लंच में उबला हुआ अंडा, पीनट बटर, दाल परांठा, काबुली चना, सोया, पनीर, बीन्स आदि से बना खाना दें.
♦ हेल्दी लंच के साथ-साथ बच्चों को पानी की बॉटल या फ्रूट जूस पीने के लिए दें.
♦ कभी-कभी टिफिन में परांठा, सलाद, सैंडविच आदि देने की बजाय हेल्दी स्नैक्स भी दे सकती हैं, जैसे- फ्रूट ब्रेड, राइस केक, मफिन्स, फ्रूट केक, क्रैकर्स आदि.
♦ बच्चों को टिफिन में फ्रूट्स व वेजीटेबल (ककड़ी, गाजर आदि) सलाद भी दे सकती हैं, लेकिन सलाद में केवल एक ही फल, ककड़ी या गाजर काटकर न दें, बल्कि कलरफुल सलाद बनाकर दें. बच्चों को कलरफुल चीज़ें आकर्षित करती हैं.
♦ ककड़ी, गाजर और फल आदि को शेप कटर से काटकर दें. ये शेप्स देखने में अच्छे लगते हैं और विभिन्न शेप्स में कटी हुई चीज़ों को देखकर बच्चे ख़ुश होकर खा भी लेते हैं.
♦ सलाद को कलरफुल और न्यूट्रिशियस बनाने के लिए उसमें इच्छानुसार काला चना, काबुली चना, कॉर्न, बादाम, किशमिश आदि भी डाल सकती हैं.
♦ ओमेगा3 को ‘ब्रेन फूड’ कहते हैं, जो मस्तिष्क के विकास में बहुत फ़ायदेमंद होता है. इसलिए उन्हें लंच में वॉलनट, स्ट्रॉबेरी, कीवी फ्रूट, सोयाबीन्स, फूलगोभी, पालक, ब्रोकोली, फ्लैक्ससीड से बनी डिश दें.
♦ व्हाइट ब्रेड (मैदेवाली ब्रेड) स्वास्थ्य को नुक़सान पहुंचाती है, इसलिए उन्हें व्हाइट ब्रेड की जगह मल्टीग्रेन ब्रेड से बने सैंडविचेज़ और रोल्स आदि दें. इन सैंडविचेज़ और रोल्स में सब्ज़ियां, सलाद और चीज़ आदि भरकर उन्हें अधिक हेल्दी और टेस्टी बना सकती हैं.
♦ लंच में यदि डेयरी प्रोडक्ट देना चाहती हैं, तो चीज़ स्टिक्स/क्यूब्स और दही दे सकती हैं. यदि दही दे रही हैं, तो वह ताज़ा हो.
♦ लंच के समय बच्चों को अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है. इसलिए उन्हें लंच में उबला हुआ अंडा, पीनट बटर, दाल परांठा, काबुली चना, सोया, पनीर, बीन्स आदि से बना खाना दें.
♦ हेल्दी लंच के साथ-साथ बच्चों को पानी की बॉटल या फ्रूट जूस पीने के लिए दें.
♦ कभी-कभी टिफिन में परांठा, सलाद, सैंडविच आदि देने की बजाय हेल्दी स्नैक्स भी दे सकती हैं, जैसे- फ्रूट ब्रेड, राइस केक, मफिन्स, फ्रूट केक, क्रैकर्स आदि.
फल- फल का चयन आप अपने बच्चे के स्वाद, और मौसम के अनूरूप कर सकते हैं. जैसे कि - संतरे, स्ट्राबेरी, अनार के दाने, अंगूर, केला, इत्यादि यह सभी फल बच्चों को पसंद भी होते हैं और इन्हे खाना भी आसान होता है. आमतौर पर बच्चे बड़े साबुत फल जिन्हे खाने में समय लगता है, स्कूल नही ले जाना चाहते हैं जैसे- सेब, नाशपाती वगैरह.
मुख्य खाना- इसके लिए भी यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आपके बच्चे को क्या पसंद है. मेरे बच्चे आमतौर पर भरवाँ पराठे, तहरी, नमकीन सेवई, मूँग की दाल का चीला, काले चने, लोबिया, कॉर्न राइस, बर्गर, पास्ता, उत्तपम, भुनी इडली, ढोकला इत्यादि बहुत शौक से ले जाते हैं.
कुछ मीठा- हमारे बच्चों को मीठे का बहुत शौक है. मैं कुछ मीठा, जो सेहत के लिहाज से भी ठीक हो, उनके लंच बॉक्स में रखती हूँ. यह घर का बना भी हो सकता है और बाजार से खरीदा हुआ भी. आमतौर पर मैं उनके डब्बे में आटे के बने लड्डू/ तिल के लड्डू/ आजकल जैसे तिल कुटा है तो वो, एक बिस्किट, एनर्जी बार/ बिना क्रीम का एक छोटा टुकड़ा केक, सूखे किशमिश-बादाम, कॅमपॅट इत्यादि रखती हूँ.
E&E NEWS
नमिता शास्त्री
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