शरद पवार-"2019 चुनावों में सबसे ज्यादा वोट जीतने वाली विपक्ष पार्टी "

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पवार ने राज्य स्तर पर बीजेपी विरोधी दलों के साथ ग‍ठबंधन करने पर बल देते हुए 1977 और 2004 की तरह चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुने जाने की हिमायत की.

शरद पवार ने सोमवार को कहा कि 2019 के चुनाव में विपक्षी दलों का लक्ष्य बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना होना चाहिए और अधिकतम सीटें जीतने वाली विपक्षी पार्टी ही प्रधानमंत्री पद के लिए दावा करेगी. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान पर भी ‘खुशी’ जाहिर की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखते हैं. पवार (78) ने कहा, “चुनाव होने दीजिए, इन लोगों (बीजेपी) को सत्ता से बेदखल होने दीजिए. हम एकसाथ बैठेंगे. अधिक सीट जीतने वाली पार्टी प्रधानमंत्री पद पर दावा कर सकती है.” 
उन्होंने मुंबई में पार्टी की बैठक में कहा, “मैं इस बात से खुश हूं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री  की दौड़ में नहीं हैं.” गौरतलब है कि, गांधी ने रविवार को कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखते हैं. गांधी ने कहा था, “मैं इस तरह (प्रधानमंत्री बनने) के सपने नहीं देखता. मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं और यह बदलाव मेरे अंदर 2014 के बाद आया. मुझे महसूस हुआ कि जिस तरह की घटनाएं देश में हो रही है, उससे भारत और भारतीयता को खतरा है. मुझे इससे देश की रक्षा करनी है.” 
पवार ने राज्य स्तर पर बीजेपी विरोधी दलों के साथ ग‍ठबंधन करने पर बल देते हुए 1977 और 2004 की तरह चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुने जाने की हिमायत की. ईवीएम से छेड़छाड़ की कथित घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर करते हुए पवार ने निर्वाचन आयोग से फिर से मत पत्र के जरिए चुनाव कराये जाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और अशोक चव्हाण एवं एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल एवं जयंत पाटिल एक या दो सप्ताह में सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे.
2004 के आम चुनाव के बाद गठित संयुक्त प्रगतिशील ग‍ठबंधन ने तत्कालीन राजग सरकार को सत्ता से बेदखल किया था. उन्होंने कहा कि वह हर राज्य में जाकर ऐसे क्षेत्रीय दलों को उनके साथ जोड़ने की कोशिश करेंगे जो अभी बीजेपी के साथ नहीं हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है. उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश हैं. हर राज्य की स्थिति अलग है. इसलिए हमें हर राज्य में मजबूत लोगों को अपने साथ लेना होगा.”  
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