नवरात्र में पहने ये 9 रंग होगी उन्नति ही उन्नति






8 अक्टूबर, 2018 दिन सोमवार को पितृ पक्ष की अमावस्या है। इसी के साथ पितृ पक्ष समाप्त हो जाएगा और अगले दिन से ही शारदीय नवरात्र का प्रारंभ होगा। 9 अक्टूबर, 2018 दिन मंगलवार को पहला शारदीय नवरात्रि है। 19 अक्टूबर को विजयदशमी के साथ शारदीय नवरात्रि की समाप्ति होगी।


अक्टूबर माह प्रारंभ हो चुका है और इसी के साथ हिन्दू परिवारों में नवरात्रि के आने की खुशी देखी जा सकती है। नवरात्रि में लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, 9 दिन चलने वाले व्रत की तैयारी करते हैं। नवरात्रि में आदिशक्ति नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा तथा व्रत किया जाता है।



इसके अलावा धार्मिक मान्यता के आधार पर लोग दान-पुण्य भी करते हैं। नवरात्रि में कुछ लोग अष्टमी तो कुछ नवमी को व्रत का पारण कर कन्या पूजन करते हैं। धार्मिक कार्यों के अलावा आजकल लोगों में नवरात्रि के दौरान हर दिन एक खास रंग के वस्त्र पहनने का भी क्रेज देखने को मिलता है।

शास्त्रीय मान्यतानुसार नवरात्रि में नवदुर्गा के जिन नौ रूपों की पूजा की जाती है, उन सभी देवियों के साथ एक खास रंग भी जुड़ा है। मान्यता है कि नवरात्रि में जिस दिन जिस देवी का व्रत होता है यदि उन्हीं से जुड़े रंग के वस्त्र पहने जाएं तो देवी प्रसन्न होती हैं और मन की इच्छा पूर्ण करती हैं।


पहला दिन:

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा और व्रत किया जाता है। इन्हें हिमालय की पुत्री के नाम से भी जाना जाता है। देवी शैलपुत्री को पीला रंग बेहद पसंद है इसलिए नवरात्रि के प्रथम दिन पीले रंग रंग के वस्त्र पहनने की मान्यता है।

दूसरा दिन:

नवरात्रि के दूसरे दिन शक्ति के दूसरे स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। नवदुर्गा के इस रूप को 'तपश्चारिणी' के नाम से भी जाना जाता है। देवी को हरा रंग प्रिय है। यदि इसदिन व्रत करें तो हरे रंग के वस्त्र धारण करें।



तीसरा दिन:

नवरात्रि की तृतीया तिथि पर देवी चंद्रघंटा के नाम का व्रत और पूजा की जाती है। इसदिन व्रत कर रहा साधक यदि स्लेटी रंग के वस्त्र धारण करे तो देवी की उसपर कृपा होती है और वह मन और मस्तिष्क की शांति को प्राप्त करता है।

चौथा दिन:

चौथे दिन पर नवदुर्गा के चौथे स्वरूप देवी कुष्मांडा की अराधना की जाती है। इसदिन व्रत कर रहे साधक को नारंगी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। यह रंग देवी को प्रिय है अतः इसे देख देवी साधक पर कृपा बरसाती है।



पांचवा दिन:

नवरात्रि में पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है। भगवान स्कन्द कुमार (कार्तिकेय) की माता होने के कारण ही देवी के इस रूप को मां स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। देवी को सफेद रंग पसंद है तो इसदिन इसी रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।

छठा दिन:

छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। वर्षों की तपस्या के बाद ऋषि कात्यायन को वरदान स्वरूप पुत्री के रूप में दुर्गा की प्राप्ति हुई थी। देवी के इस रूप का पूजन करने से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। यदि इन्हें प्रसन्न करना हो तो नवरात्रि के छठे दिन लाल रंग के वस्त्र पहनें।



सातवां दिन:

नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर नवदुर्गा के सातवें स्वरूप देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी का यह रूप डरावना है, लेकिन देवी केवल शत्रुओं पर ही अपना क्रोध बरसाती हैं। दुर्गा के इस रूप की कृपा पानी हो तो नीले रंग के वस्त्र धारण करें।

आठवां दिन:

अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा और व्रत किया जाता है। महागौरी को देवी पार्वती का ही रूप माना जाता है। इन्हें गुलाबी रंग बेहद पसंद हैं, इसलिए इसदिन व्रत कर रहे साधक इस रंग के वस्त्र जरूर धारण करें।


नौवां दिन:

नवरात्रि की नवमी तिथि पर मां  सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इनका व्रत करने से साधक को विभिन्न सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यदि आप इसदिन व्रत करें तो बैंगनी रंग के वस्त्र पहनें।

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